जिम्मेदारों ने नहीं सुना तो कॉलोनी वालों ने खुद बनाई 'राह
विवेकपुरम कॉलोनी के लोगों ने नगर निगम के जिम्मेदारों को आइना भी दिखाया है। महज 200 मीटर रास्ता बनवाने के लिए कॉलोनी के लोगों ने नगर निगम का चक्कर लगाया, जिम्मेदारों से गुहार भी लगाई। हर जगह से मायूसी हाथ लगी तो कॉलोनीवासियों ने खुद जिम्मेदारी उठा ली। एक-एक घर से चंदा लगाया और मिट्टी गिरवाकर आने-जाने लायक राह बना ली।
महानगर के महुई सुघरपुर वार्ड में स्थित विवेकपुरम कॉलोनी की महिलाओं, बच्चों व बड़े-बुजुर्गों को बरसात के मौसम में तकरीबन 200 मीटर तक पानी में घुसकर आना-जाना पड़ता था। वहां के लोगों ने सड़क बनवाने के लिए नगर निगम और प्रतिनिधियों को कई बार अपना दर्द सुनाया। नगर निगम से लगातार मिल रहे झूठे आश्वासन के बाद कॉलोनी के लोगों ने अपनी 'राह को खुद बनाने की ठानी। हर घर से चंदा जुटाया और मिट्टी गिरवाई। युवाओं ने श्रमदान किया और रास्ते को ऊंचा करा लिया। अब इस रास्ते से होकर लोग आसानी से आ-जा रहे हैं।
आईजीआरएस पर भी लगाई थी गुहार : कॉलोनी के विनीत कुमार ने आईजीआरएस पर प्रार्थना पत्र भेजकर रास्ते को बनवाने की गुजारिश की थी। नगर आयुक्त ने इस बावत क्षेत्रीय अभियंता ने अपनी रिपोर्ट भेज दी कि स्थलीय निरीक्षण किया गया और समस्या को दूर कराने के लिए जल निकासी शुरू करा दी है।
कॉलोनी के 22 परिवारों ने जुटाया चंदा
नगर निगम की ओर से कॉलोनी के लोगों को बताया गया कि क्षेत्रीय अभियंता ने स्थलीय निरीक्षण के बाद रिपोर्ट दे दी है। 200 मीटर सड़क बनाने के लिए 2.46 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। धन की उपलब्धता होने पर निर्माण कराया जाएगा। विवेकपुरम कॉलोनी के 22 परिवारों ने चंदा जुटाया। युवाओं ने इस काम में अहम भूमिका निभाई और फिर इस लायक राह तैयार कर ली कि महिलाएं और बच्चे आराम से आ-जा सकें।
बोले कॉलोनी के लोग
कॉलोनी में आने-जाने के लिए जो रास्ता था उस पर हर समय पानी भरा रहता था। नगर निगम और जन प्रतिनिधियों से सिफारिश की गई लेकिन किसी ने नहीं सुना। मजबूर होकर हम सब ने चंदा लगाया।
- राघवेंद्र सिंह
स्कूल आने-जाने वाले बच्चों के कपड़े खराब हो जाते थे। रास्ते पर हर वक्त पानी भरा रहता था। नगर निगम में कई बार प्रार्थना पत्र दिया गया। पार्षद ने भी बात रखी लेकिन रास्ते को ऊंचा नहीं कराया गया।
- आनंद यादव
कॉलोनी के लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतें होती थीं। बरसात ही नहीं, गर्मी में भी पानी भरा रहता था। स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को काफी दिक्कत होती थी। चंदा लगाकर रास्ता बना लिया गया।
- विनीत राय
रास्ते के लिए नगर निगम में प्रार्थना पत्र दिया गया। किसी ने बात नहीं सुनी तो कॉलोनी में ही लोगों ने चंदा लगाया। रुपये जुटाए और फिर मिट्टी गिरवाई। अब कॉलोनी के लोग सुकून महसू कर रहे हैं।
- संतोष सिंह